Chapter 12 - यशपाल (रचना और अभिव्यक्ति)

Question 5:
() नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
() किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?

() सेकंड क्लास के एकांत डिब्बे में बैठे नवाब साहब खीरा खाने की इच्छा से दो ताज़े खीरे एक तौलिए पर रखे हुए थे। पहले तो उन्होंने खीरे को खिड़की से बाहर निकालकर लोटे के पानी से धोया फिर उसको करीने से काटकर, उसे गोदकर कड़वा झाग निकाला। फिर खीरों को बहुत सावधानी से छीलकर फाँको पर बहुत कायदे से जीरा, नमक-मिर्च की सुर्खी बुरक दी। इसके बाद एक- एक करके उन फाँको को उठाते गए और उन्हें सूँघकर खिड़की से बाहर फेंकते गए।
() (1) हम हलवे का रसास्वादन करने के लिए उसे अच्छी तरह से एक प्लेट में रखते हैं तथा उसके ऊपर काजू, किशमिश डालकर अच्छी तरह से उसकी सजावट करते हैं फिर उसे खाने के लिए परोसते हैं।
(2) आम के अचार का रसास्वादन करने के लिए हम पहले उसे करीने से निकाल कर उसे उलट-पुलट कर देखते हैं। फिर उसे खाने के लिए धीरे-धीरे अपने मुँह के पास लाते हैं और उसके खट्टे स्वाद का आनंद लेते हुए उसे खाते हैं।


Question 6:
खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।
पाठ में प्रस्तुत खीरे के प्रसंग द्वारा नवाब के दिखावटी ज़िंदगी का पता चलता है, इससे उनके सनकी व्यक्तित्व का ज्ञान होता है। ऐसे कुछ और भी प्रसंग हैं -
(1) नवाब अपनी शान और शौकत के लिए पैसे लुटाने से बाज़ नहीं आते हैं। फिर चाहे उनके घर में पैसों की तंगी ही क्यों न हो पर बाहर वे खूब पैसे लुटाते हैं।
(2) नवाब नाच-गानों का शौक भी रखते हैं। वे मुजरों पर खूब पैसा लुटाते हैं।
(3) अपनी झूठी समृद्धि को कायम रखने के लिए ये किसी से लड़ने से भी बाज़ नही आते हैं।
(4) प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी 'पर्दा' में नवाबी शानो-शौकत का उल्लेख है। जिसमें एक नवाब अपने घर की इज्ज़त कायम रखने के लिए पर्दे पर खर्च करता है भले ही उसे खाने तथा कपड़े की कमी होती है।


Question 7:
क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।
सनक के दो रुप होते हैं -
एक सकारात्मक तथा दूसरा नकारात्मक। जहाँ एक ओर नकारात्मक सनक किसी व्यक्ति को समाज में हँसी का पात्र बना देता है वहीं सनक का सकारात्मक पक्ष उसे रातों-रात प्रसिद्ध कर देता है। ऐसे कुछ सनकों का उल्लेख नीचे दिया जा रहा है -
(1) राजा राम मोहन राय की सनक ही थी कि उन्होंने समाज में विधवा विवाह का कानून लागू करवाया।
(2) देशभक्ति की सनक सुभाष चंद्र बोस तथा महात्मा गाँधी को भी थी जिससे उन्होंने देश को आज़ादी दिलवाई।